5 बड़े Ethical Issues जिनसे AI Diagnosis को लेकर अलर्ट रहना ज़रूरी है

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Artificial Intelligence (AI) ने हेल्थकेयर के क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव लाए हैं। खासतौर पर Diagnosis में AI की मदद से बीमारियों की पहचान जल्दी और सटीक तरीक़े से हो रही है। लेकिन जहां ये तकनीक सुविधाएं ला रही है, वहीं इससे जुड़े कुछ ethical concerns यानी नैतिक मुद्दे भी सामने आ रहे हैं।

AI Diagnosis की दुनिया में नैतिकता की ज़रूरत क्यों बढ़ रही है?

1. Data Privacy और Consent की समस्या

AI को सिखाने के लिए ज़रूरी होता है medical data. यह डेटा अधिकतर मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट्स, टेस्ट रिज़ल्ट्स और हेल्थ रिकॉर्ड्स पर आधारित होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मरीजों से इस डेटा के उपयोग की सही अनुमति ली गई है? कई बार मरीज को यह पता भी नहीं होता कि उनका डेटा AI सिस्टम में इस्तेमाल हो रहा है। यह सीधे तौर पर privacy rights का उल्लंघन है।

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2. Bias और गलत Diagnosis का खतरा

AI मॉडल का निर्माण इंसान करते हैं, इसलिए उसमें प्रयोग होने वाला डेटा भी कभी-कभी एकतरफा या पूर्वाग्रही हो सकता है। इससे Diagnosis में bias आ सकता है, यानी कुछ जातियों, लिंग या उम्र के लोगों को सही उपचार न मिल पाना। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा ethical concern बन चुका है।

3. इंसानी निगरानी की कमी

AI आधारित Diagnosis सिस्टम पूरी तरह automatic होते हैं। अगर डॉक्टर सिर्फ AI के बताए नतीजों पर भरोसा करने लगे और खुद जांच न करें, तो गंभीर गलतियां हो सकती हैं। AI का उपयोग केवल एक सहायक टूल के रूप में होना चाहिए, न कि Final decision लेने वाले के रूप में।

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4. Accountablity का सवाल

मान लीजिए कि किसी मरीज को गलत diagnosis मिल जाता है, जिससे उसकी हालत बिगड़ जाती है। ऐसे में ज़िम्मेदार कौन होगा? AI system? उसका developer? या डॉक्टर? आज भी कई देशों में AI से जुड़े legal framework पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। जब तक accountability तय नहीं होगी, AI diagnosis को पूरी तरह भरोसेमंद नहीं कहा जा सकता।

5. Human Touch की कमी

Diagnosis सिर्फ मशीन से नहीं होता, उसमें इंसानी समझ, अनुभव और मरीज से भावनात्मक जुड़ाव भी ज़रूरी होता है। AI system भले ही डेटा पढ़ ले, लेकिन मरीज के डर, चिंता या तकलीफ को महसूस नहीं कर सकता। Ethical healthcare में सिर्फ result नहीं, इंसानियत भी मायने रखती है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

भले ही AI diagnosis स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही हो, लेकिन इसके नैतिक पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। ज़रूरी है कि developers, doctors और policymakers मिलकर ऐसे नियम बनाएं जो patients के अधिकारों की रक्षा करें और AI का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए।

भविष्य में अगर AI को एक ethical और भरोसेमंद साथी बनाना है, तो आज ही इसके नैतिक पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना होगा।

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