Breadth First Search (BFS) in AI in Hindi

AI (Artificial Intelligence) में Breadth-First Search (BFS) एक ज़रूरी एल्गोरिदम है, जिसका उपयोग किसी ग्राफ़ या ट्री जैसे structures को धीरे-धीरे और Sequence में एक्सप्लोर करने के लिए किया जाता है। आसान भाषा में, यह एक ऐसी एल्गोरिदम है जो ग्राफ या ट्री जैसे structures को एक-एक लेवल में क्रम (Sequence) से Travers करता है। BFS का उपयोग आमतौर पर रास्ता खोजने (pathfinding), नेटवर्क रूटिंग और पज़ल हल करने जैसे कामों में किया जाता है।

तो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम BFS के कुछ मुख्य सिद्धांतों, इसके काम करने के तरीके और AI में इसके उपयोग को अपनी आसान भाषा में समझेंगे। इसलिए इस ब्लॉग पोस्ट को लास्ट तक जरूर पड़े !

ये जो BFS है उसे हम आम तौर पर Breadth-First Search के नाम से जानते है। यह एक ऐसा ट्रैवर्सिंग एल्गोरिदम है जो ग्राफ और ट्री जैसे स्ट्रक्चर को एक निर्धारित क्रम में इस तरह जांचता है कि पहले एक स्तर की सभी नोड्स की जांच पूरी करता है, फिर अगली परत की ओर बढ़ता है, और ऐसा तब तक करता है तब तक वह अपने जब तक लक्ष्य तक न पहुँच जाए।

क्योकि जैसा की हम जानते है कि यह एल्गोरिदम हमेशा सिर्फ नोड्स की कनेक्टिविटी के आधार पर काम करता है इसलिए यह एल्गोरिदम ‘Uninformed’ या फिर ‘Blind Search’ कैटेगरी में आता है, और इसकी एक और खासियत यह है कि ये कभी भी किसी और खास रास्ते को प्राथमिकता नहीं देता। इसमें कोई अतिरिक्त जानकारी जैसे Heuristic या domain-specific ज्ञान इस्तेमाल नहीं किया जाता।

BFS खासतौर पर बिना वजन (Unweighted) वाले ग्राफ़ में बहुत उपयोगी होता है, जहाँ हर एक्शन की लागत एक जैसी हो। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक व्यवस्थित (systematic) तरीके से पूरी खोज प्रक्रिया को करता है, जिससे यह अनंत (infinite) स्टेट स्पेस को भी अच्छे से एक्सप्लोर कर सकता है।

How does BFS work in Hindi? – BFS कैसे काम करता है?

  1. BFS की शुरुआत हमेशा रूट नोड (जड़ नोड) से होती है।

  2. पहले यह उस नोड के सभी सीधे जुड़े हुए नोड्स (सक्सेसर्स) को एक्सप्लोर करता है।

  3. जब पहले लेवल के सभी नोड्स को खोज लिया जाता है, तब यह अगले लेवल पर जाता है और वहाँ के नोड्स को Sequence से सर्च करता है।

उदाहरण के तौर पर:

मान लीजिए हमारे पास एक ग्राफ है जिसमें रूट नोड A है। BFS सबसे पहले A के सीधे कनेक्टेड नोड्स जैसे B और C को एक्सप्लोर करता है। जब ये लेवल-1 के नोड्स हो जाते हैं, तब यह लेवल-2 में जाता है और वहां के नोड्स जैसे D, E, F और G को Sequence से विज़िट करता है।

यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कि सारे नोड्स विज़िट न हो जाएं या तब तक जब तक कोई विशेष शर्त पूरी न हो जाए। जैसे ही लास्ट नोड G तक पहुंचा जाता है, और आगे कोई नोड बाकी नहीं बचता, तब यह सर्च खत्म हो जाती है।

Why is BFS used in Hindi? – BFS का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

Breadth-First Search (BFS) एल्गोरिदम में सर्चिंग का एक ऐसा तरीका है जो किसी भी समस्या को Layer by layer सॉल्व करने में मदद करता है। यह खासतौर पर तब उपयोगी होता है जब हमें किसी ग्राफ या नेटवर्क में सबसे कम दूरी वाला रास्ता खोजना हो। उदाहरण के लिए:

  • जब किसी नेटवर्क में हमें सबसे कम स्टेप्स या हॉप्स में डेस्टिनेशन तक पहुँचना होता है, तो BFS सबसे सूटेबल एल्गोरिदम बन जाता है।

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इसका इस्तेमाल उस स्थिति को खोजने के लिए किया जाता है, जहाँ से कोई समाधान शुरू हो सकता है – जैसे किसी पज़ल को हल करना या गेम के ऑप्शन्स का Analysis करना।

  • वेब क्रॉलिंग में भी यह बहुत फायदेमंद होता है, जहाँ एक वेब पेज से जुड़ी लिंक को क्रम से एक्सप्लोर किया जाता है ताकि सभी पेज एक-एक करके खोजे जा सकें।

इस तरह, BFS ना सिर्फ रास्ते खोजने में, बल्कि जटिल (Complex) निर्णय-निर्माण प्रक्रियाओं में भी एक अहम रोल निभाता है।

Working steps of BFS algorithm in Hindi – BFS एल्गोरिदम की वर्किंग स्टेप्स

Step 1: सबसे पहले उस नोड को चुनिए जहाँ से खोज शुरू करनी है, और उसे “देखे गए नोड्स” (Visited Nodes) की सूची में शामिल कर लीजिए।

Step 2: अब उस नोड से सीधे जुड़े सभी नये नोड्स को एक लाइन (Queue) में क्रम से जोड़ दीजिए।

Step 3: अब Queue में जो नोड सबसे पहले जोड़ा गया था, उसे निकालिए और उस पर प्रक्रिया कीजिए (यानी विज़िट कीजिए)।

Step 4: फिर उस नोड से जुड़े जितने भी नोड्स आपने अभी तक विज़िट नहीं किए हैं, उन्हें Queue के आखिरी में डाल दीजिए।

Step 5: जब तक Queue पूरी तरह खाली नहीं हो जाती, तब तक स्टेप 3 और स्टेप 4 को बार-बार दोहराते रहिए।

Breadth-First Search Example in Hindi – BFS का वर्किंग उदाहरण

मान लीजिए आपके पास कुछ शहरों का एक नक्शा है, जो आपस में सड़कों के ज़रिए जुड़े हुए हैं। इन शहरों को हम नोड्स मानते हैं और सड़कों को एज (Edge)। अब आप एक शहर A से यात्रा शुरू करते हैं और यह जानना चाहते हैं कि बाकी शहरों तक पहुँचने का सबसे छोटा रास्ता क्या है।

BFS का वर्किंग उदाहरण

मान लीजिए कुछ शहर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हम इन शहरों को नोड्स और उनके बीच की सड़कों को एज मानते हैं। नीचे शहरों के कनेक्शन को दिखाया गया है:

शहरों का कनेक्शन:

A → B, C  
B → D  
C → E  
D, E → F

Step-by-Step BFS प्रक्रिया:

  1. शुरुआत: सबसे पहले नोड A को चुना और उसे विज़िटेड लिस्ट में डाला।
    Queue: [A]
    Visited: [A]

  2. A के पड़ोसी: A से जुड़े नोड B और C को Queue में डाला।
    Queue: [B, C]
    Visited: [A]

  3. B को विज़िट करें: अब Queue से B को निकाला और विज़िट किया।
    Queue: [C]
    Visited: [A, B]

  4. B के पड़ोसी: B से जुड़े नोड D को Queue में डाला।
    Queue: [C, D]
    Visited: [A, B]

  5. C को विज़िट करें: अब C को निकाला और विज़िट किया।
    Queue: [D]
    Visited: [A, B, C]

  6. C के पड़ोसी: C से जुड़ा नोड E को Queue में डाला।
    Queue: [D, E]
    Visited: [A, B, C]

  7. D को विज़िट करें: अब D को विज़िट किया और उसका पड़ोसी F को Queue में डाला।
    Queue: [E, F]
    Visited: [A, B, C, D]

  8. E को विज़िट करें: फिर E को विज़िट किया (F पहले से ही Queue में है)।
    Queue: [F]
    Visited: [A, B, C, D, E]

  9. F को विज़िट करें: अंत में F को विज़िट किया।
    Queue: []
    Visited: [A, B, C, D, E, F]

ऊपर के कनेक्शन के अनुसार BFS एल्गोरिदम पहले A से शुरू होकर उसके सभी नजदीकी नोड्स को एक्सप्लोर करेगा, फिर आगे बढ़ेगा।

निष्कर्ष (Conclusion):

Breadth-First Search (BFS) एक सरल लेकिन काफी शक्तिशाली एल्गोरिदम है जो किसी भी ग्राफ या ट्री को क्रमबद्ध और लेयर-बाय-लेयर तरीके से एक्सप्लोर करता है। इसका उपयोग पथ खोजने, पज़ल सुलझाने और नेटवर्किंग जैसे कई क्षेत्रों में किया जाता है।

अगर आप AI या प्रोग्रामिंग सीख रहे हैं, तो BFS को समझना आपके लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।

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