Types of Neural Networks in Hindi

नमस्कार दोस्तों! आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानने वाले कि Artificial Intelligence (AI) के अंदर इस्तेमाल होने वाले Neural Networks कितने प्रकार के होते हैं। आपने इससे पहले वाली ब्लॉग पोस्ट (Neural Networks in Hindi) की सहायता से तो समझ ही लिया होगा की Neural Networks को असल में पूरी तरह से इंसानो के दिमाग में जो neurons मौजूद होते है उनसे inspire होकर बनाए गया हैं।

लेकिन क्या आप लोगो को यह पता हैं कि ये जितने भी Neural Networks है उनके भी अलग – अलग types होते हैं और हर एक टाइप का अपना अलग काम और importance होता है? तो आज हम इन्हीं types को अपनी आसान भाषा में समझेंगे और जानेंगे कि Artificial में इन Neural Networks का क्या उपयोग है तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं!

Types of Neural Networks in Hindi – (न्यूरल नेटवर्क के प्रकार)

तो दोस्तों अब हम इस आर्टिकल में बात करने वाले इसके कुछ अलग – अलग और प्रमुख Types के वारे में तो इसे पूरा जरूर पड़ेगा। तो चलिए शुरू करते है और जानते है:

1. Feedforward Neural Networks (FNNs)

ये जो Feedforward Neural Network होता है वह सबसे fundamental और सिंपल टाइप का न्यूरल नेटवर्क होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है की इसमें डाटा हमेशा एक ही डायरेक्शन में move करता है यानि सबसे पहले तो इसमें डाटा को input किया जाता है फिर उसे hidden layer से होकर output layer की तरफ गुजरा जाता है।

इसमें किसी भी तरह का कोई भी feedback connection मौजूद नहीं होता है, यानी इसमें information कभी भी पीछे वापस नहीं जाती। इस न्यूरल नेटवर्क को हम सबसे पहली और fundamental building block के तौर पर मान सकते हैं।

2. Convolutional Neural Networks (CNNs)

CNNs, का पूरा नाम Convolutional Neural Networks होता है, इन न्यूरल नेटवर्क्स को खासतौर पर इसलिए design किया गया है ताकि इसके उपयोग से image और video के फॉर्मेट में जो डाटा होता है उसको प्रोसेस किया जा सके।

इसमें convolutional layers मौजूद होती हैं जिसका काम features को automatically डिटेक्ट करना होता हैं, जैसे कि डाटा किस shape में है, उसका color क्या है, और उसका pattern किस तरह का है।

वैसे अगर देखा जाये तो इसके इतने ज्यादा पॉपुलर होने की वजह यह है की आज के समय में face recognition, object detection और medical image analysis आदि जैसे कई मामो में भी CNNs का उपयोग काफी ज्यादा किया जा रहा है।

3. Recurrent Neural Networks (RNNs)

Recurrent Neural Networks को सिर्फ इस लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि इसका उपयोग करके किसी भी तरह के sequential data को संभाला जा सके।

इन न्यूरल नेटवर्क्स में सबसे  बड़ी ख़ास बात होती है कि ये हमेशा पिछली information को याद रख सकते हैं और फिर बाद में उसका उपयोग future prediction में कर सकते हैं। आज के समय में Time series prediction, speech recognition और language modeling आदि जैसे कामो में RNNs का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है।

4. Long Short-Term Memory Networks (LSTMs)

LSTM, जो है वह RNN का ही एक special type है जिसको खास तौर पर इस लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि specifically long-term dependencies को याद रखा जा सके।

हम सब यह तो जानते ही है की Traditional RNNs सिर्फ थोड़े समय के पिछले डाटा या इनफार्मेशन को याद रख सकता है, यानि वो ज्यादा पुरानी information को हमेशा के लिए भूल जाते हैं, लेकिन LSTM के साथ यह समया नहीं होती है क्योकि यह इस प्रॉब्लम को बहुत अच्छे से handle करता है। इसलिए इसका उपयो machine translation, chatbot designing और sequence prediction में किया जाता है।

5. Gated Recurrent Units (GRUs)

ये जो Gated Recurrent Units है वो भी एक RNN फैमिली का ही हिस्सा हैं और यह बिल्कुल LSTM की तरह ही काम करता है लेकिन ये जो न्यूरल नेटवर्क्स होते है वह थोड़े से lightweight होते हैं। यानी GRU models को train करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता है और यह वाकई न्यूरल नेटवर्क्स से काफी कम complex होते हैं, इतना सब कुछ होने के बाद भी यह बहुत अच्छी accuracy प्रदान कर सकते हैं।

6. Radial Basis Function Networks (RBFNs)

Radial Basis Function Networks ऐसे नेटवर्क्स होते हैं जिनको सिर्फ classification और regression जैसे टास्क को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाता हैं। इन सभी networks में radial basis function का उपयोग activation function के तौर पर किया जाता है।

RBFNs का मुख्य focus सिर्फ इस बात पर होता है कि ये जो input और output के बीच के complex relationship है उसको किस तरह समझना होता है।

7. Self-Organizing Maps (SOMs)

ये जो Self-Organizing Maps होते है वे सभी unsupervised learning neural networks के उदहारण होते हैं। ये जो SOMs होते है उनका काम डाटा को एक low-dimensional map में organize करना होता हैं, ताकि इसे जितने भी hidden patterns या groupings है उसको आसानी से visualize किया जा सके। इसका ज्यादा तर उपयोग data visualization और cluster analysis के लिए किया जाता है।

8. Deep Belief Networks (DBNs)

Deep Belief Networks जो है वह एक प्रकार के deep neural networks होते हैं जो एक साथ कई सारी लेयर्स के stochastic और latent variables से मिल कर बने हुए होते हैं। ये एक unsupervised learning technique है जो कि image recognition, motion capture data analysis और recommendation systems में उपयोग की जाती है।

9. Generative Adversarial Networks (GANs)

GANs का पूरा नाम Generative Adversarial Networks होता है, जो आज के समय में मौजूद AI के सबसे revolutionary ideas में से एक हैं। GANs जो है वह दो नेटवर्क्स से मिलकर बना होता हैं नंबर एक Generator और दूसरा Discriminator से, और ये दोनों हमेशा एक दूसरे के खिलाफ काम करते हैं।

इसमें जो Generator होता है वह हमेशा नया डाटा बनाने की कोशिश करता रहता है, जबकि Discriminator हमेशा यही चेक करता रहता है कि डाटा रियल है या फेक। GANs का इस्तेमाल realistic images बनाने, art generation और data augmentation आदि में किया जाता है।

10. Autoencoders (AE)

Autoencoders भी एक प्रकार का neural network ही होता है जो हमेशा इनपुट डाटा को compress करके फिर से reconstruct करने का काम करता रहता है। इन्हें फीचर लर्निंग, डाटा डेनोइसिंग और dimensionality reduction जैसे कई टास्क को करने के लिए उपयोग किया जाता है।

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों, वैसे तो Neural Networks के कई सारे टाइप्स होते है लेकिन ह्यूमेन यंहा पर इसके कुछ प्रमुख टाइप्स को समझाया है और ये जितने भी प्रकार है उनका हर एक का अपना अपना खुद का एक unique importance होता है। आप जिस भी problem को solve करना चाहते हैं, उसके nature के हिसाब से आपको सही Neural Network architecture चुनना चाहिए। AI का future इसी तरह के intelligent networks पर आधारित है।

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