E-Governance क्या है और इसके प्रकार कौन-कौन से हैं?

ई-गवर्नेंस क्या है? – What is e-Governance in Hindi?

E-Governance में ICT (Information Communication Technology) का उपयोग करके नागरिको और व्यवसायों के लिए सरकारी सेवाओं को और भी आसान, पारदर्शी और प्रभावशाली बनाना है जिससे कि देश के नागरिक और व्यवसाय सरकारी सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सके। इससे सरकार, नागरिको और व्यवसायों के बीच संपर्क डिजिटल, आसान और ऑटोमेटिक हो गया है।

E-Governance का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण करना और नागरिकों और व्यवसायों को एक बेहतर प्रशासन देना है, जिससे इन सेवाओं का लाभ वे आसानी से उठा सकें। चाहे वे ग्रामीण क्षेत्र में हों या शहरी। सेवाओं के डिजिटलीकरण से इन सेवाओं का लाभ ऑनलाइन उठाया जा सकता है, जिससे नागरिकों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

ई-गवर्नेंस के उद्देश्य – Objectives of e-Governance in Hindi

  • इसका मुख्य उद्देश्य प्रशासन को सरल और Transparent बनाना है।
  • भ्र्ष्टाचार को कम करना और Accountability को बढ़ाना है।
  • Citizens and Businesses की आवश्यकताओं को समय पर और तेजी से पूरा करना।
  • किसी भी सूचना या सेवाओं को नागरिको और व्यवसायों के लिए आसानी से डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराना।

ई-गवर्नेंस का इतिहास – History of e-Governance in Hindi

जब 1990 दशक मैं इंटरनेट और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी बढ़ने लगी थी, तभी e-Governance की अवधारणा भी उभरने लगी थी। उस समय ऐसे कई देश थे जिन्होंने अपनी सरकारी सेवाओं को डिजिटल दिया था, जैसे की संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK) और सिंगापुर इत्यादि।

भारत मैं 18 मई 2006 मैं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP, National e-Governance Plan) को शुरू किया गया, जिसमे 27 Mission Mode Projects और 8 Components थे, जिसे बाद मैं वर्ष 2011 मैं बढ़ाकर 31 Mission Mode Projects कर दिया था।

ई-गवर्नेंस के प्रकार – Types of e-Governance in Hindi

  1. Government to Citizen (G2C)
  2. Government to Business (G2B)
  3. Government to Government (G2G)
  4. Government to Employee (G2E)

1. Government to Citizen (G2C)

इसमें सरकार नागरिको को सीधे सरकारी सेवाएं प्रदान कराती है, जिससे की नागरिक सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से Online उठा सके। इसमें सरकारी सेवाएं जैसे की प्रमाण पत्र, बिल पेमेंट और शिकायत दर्ज करना, इत्यादि शामिल है।

इससे नागरिको के पैसे और समय की काफी बचत होती है। सरकारी सेवाओं का ऑनलाइन उपलब्ध होने से नागरिको को अब बार – बार सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। वे घर बैठे ही इन सेवाओं का लाभ उठा सकते है चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो ग्रामीण या फिर शहरी क्षेत्र में।

इसके जरिये सरकार नई योजनाओ या सेवाओं का आसानी से प्रचार कर सकती है, ताकि हर एक नागरिक सेवा या योजना का लाभ उठा सके।

भारत मैं ऐसे एरिया जंहा पर अभी लोगो के पास मोबाइल या इंटरनेट की सुबिधा नहीं है उनके लिए सरकार ने Common Services Centres (CSC) खोले जिससे की भारत के हर नागरिको तक सरकारी सेवाओं, योजनाओ को पहुँचाया जा सके।

2. Government to Business (G2B)

इसमें सरकार अपने और व्यापारियों के बीच एक डिजिटल इंटरफ़ेस तैयार करती है, जिससे की सरकार द्वारा व्यापारियों के लिए डिजिटल रूप मैं सरकारी सेवाएं और सूचनाएं प्रदान की जाये। जिसमे व्यवसायों के लिए सरकारी नियमो, लाइसेंस और Taxation इत्यादि सेवाएं और जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराइ जाती है।

E-Governance से व्यापार से सम्बंधित प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हो गई है, जिससे व्यापार मैं समय और लागत मैं काफी कमी हुई है। इससे व्यवसाय मैं कागजी डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता कम हो गई है। यह व्यवसायों का सरकार से जुड़ने का आसान तरीका है।

3. Government to Government (G2G)

इसमें E-Governance के तहत सरकारी Departments और Agencies के बीच इनफार्मेशन और सेवाओं का आदान – प्रदान होता है, जिससे की Efficiency और Transparency बनी रहे। और Departments और Agencies आपस मैं आसानी से डिजिटल डाक्यूमेंट्स शेयरिंग और ई-ऑफिस सिस्टम जैसी सेवाओं का उपयोग कर सके।

इसमें किसी भी योजना को राज्य और केंद्र सरकार मॉनिटर कर सकते है, जैसे की National Health Mission (NHM) पोर्टल। इसकेउयपोग से भ्रष्टाचार मैं भी कमी हुई है, और इसमें जो निर्णय लेने से सम्बंधित प्रक्रियाएं काफी तेज हो गई है। इससे प्रशासनिक लागत और समय मैं भी बचत हुई है।

4. Government to Employee (G2E)

इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल सेवाएं प्रदान की जाती है, जिससे की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और भी आसान और तेज बनाया जा सके। इससे पेपरलेस ऑफिस के कल्चर को बढ़ावा मिल रहा है। इसमें कर्मचारियों को कई सेवाएं प्रदान की जाती है, जैसे की EPFO (Employees’ Provident Fund Organization), SPARSH (System for Pension Administration – Raksha) इत्यादि।

इससे प्रशासनिक कार्य तेज और आसान हो गए है और इससे भ्रष्टाचार भी कम हुआ है। इसमें इनफार्मेशन के डिजिटल होने से Accountability भी बड़ी है। इससे कर्मचारियों के लिए कार्य करना आसान और सुभिधाजनक हो गया है और इसके जरिये सरकारी कर्मचारियों की सैलेरी और पैंशन मैं Transparency बड़ी है।

ई-गवर्नेंस के लाभ – Benefits of e-Governance in Hindi

  • इससे प्रशासन के कार्यो और सेवाओं मैं Transparency बड़ी है।
  • इससे सरकारी प्रक्रियाओं मैं समय और लागत की भी बचत हुई है।
  • इसकी मदत से नागरिको की सरकार सेवाओं तक आसान पहुँच।

ई-गवर्नेंस की चुनौतियाँ – Challenges of e-Governance in Hindi

  • ग्रामीण क्षेत्रो मैं टेक्नोलॉजी की कमी, ग्रामीण क्षेत्रो मैं अभी भी कई लोग टेक्नोलॉजी से परिचित नहीं है।
  • देश मैं ऐसे कई इलाके है जंहा अभी भी इंटेरनेट और कंप्यूटर की उपलब्धता नहीं है।
  • सेवाओं के डिजिटलीकरण से व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा का खतरा भी बना रहता है।
  • इसमें “Server is ‘ Down” जैसी तकनीकी समस्या भी देखने को मिलती है।

बैसे तो E-Governance के कई उद्देश्य है लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप मैं नागरिको तक पहुँचाना है। E-Governance के कई लाभ तो कई चुनौतिया है। भारत सरकार ने जब से राष्ट्रीय ई – गवर्नेस योजना को शुरू किया है तब से इसके अंतर्गत कई सरकारी पोर्टल्स लाये गए और उनमे सेवाएं इम्प्लीमेंट की गई। वर्तमान मैं अधिकतर सरकारी सेवाओं को डिजिटल कर दिया है।

भारत ने E-Governance से सम्बंधित चुनोतियो को काफी हद तक ख़तम कर दिया है जैसे भारत मैं हर क्षेत्र मैं इंटरनेट की सुबिधा का होना। अब भारत अदिकतर आम नागरिक पर मोबाइल और इंटरनेट की सुबिधा है। इससे नागरिक देश मैं होने बाली गतिबिधियो, सरकार द्वारा लाये जाने वाली योजनाओ या सेवाओं के बारे मैं जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है। इससे अब नागरिक अधिकतर ऑनलाइन ही सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का लाभ उठा रहे है जिससे नागरिको के समय और लगत मैं काफी बचत हुई है।

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